हम आज के समय में जी रहे हैं और अगर आप इस ज़माने के साथ-साथ नहीं चलते हैं तो आप पिछड़ जायेंगे। फिर चाहे वह पढ़ाई लिखाई हो या फिर कामकाज। आजकल लोगों के बीच कुछ ऐसी आदतों का चलन है जो बहुत तेजी से लोगों में फैलता जा रहा है। उन्हीं में से एक हैं शराब के सेवन की आदत है इसके अलावा बड़े-बुजर्गों के बीच भी यह खासा लोकप्रिय है। चाहे उस्तव, या फिर जन्मदिन, या शादी-विवाह, यहाँ तक कि किसी तरह का मिलन समारोह भी शराब के बिना अधूरा ही समझा जाता हैं। इसमे ख़ास बात तो ये हैं कि अगर आप शराब नहीं पीते हैं तो आपको अजीब तरह से देखा जाता है। आप उस दुनियां में एकदम अकेले हो जाते हैं जो कई-कई बार खुद शर्मनाक लगने लगता है। लोग इसे शौक के तौर पर अपने जीवन का हिस्सा बना लेते हैं जबकि कई लोग इसका सेवन करना गर्व समझते हैं।
हम सब को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और एक बड़ा कदम उठाना चाहिए। जब की हर कोई जानता है कि शराब पीना सेहत के लिए बहुत नुक्सानदायक है, यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो आप एक शानदार इंसान है, और आप खुद भी देखेंगे कि आपके साथ रहने वालों की संख्या हमेशा काफी ज्यादा होती है वहीं दूसरी तरफ अगर आप शराब से दूरी बना कर रखते हैं ऐसा लगता है जैसे की इस दुनियां ही अलग है। शराब न सिर्फ इसका सेवन करने वाले का नाश करती है बल्कि समाज में एक कलंक के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसकी वजह से न जाने कितने परिवार उजड़ते है और कितनी जिंदगियां बर्बाद होती है। लेकिन इसके बावजूद सरकार इसे लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाती है। शराब के सेवन के बारे में न ही हमारे संविधान में कुछ आदेश है और न ही किसी तरह की रीति-रिवाज में कोई प्रथा, चाहे वो हिन्दू धर्म हो या मुस्लिम या फिर कोई भी अन्य। यहाँ तक कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी भी यही चाहते थे कि हिन्दुस्तान में एक भी ऐसा व्यक्ति न हो जो शराब का सेवन करे।
हद तो तब हो जाती है जब थोड़े समझदार होने के बाद आपको ये पता चलता है की शराब का कारोबार खुद सरकार भी करती है। जी हाँ, सरकारों के लिए शराब राजस्व जुटाने का बड़ा जरिया है। आपको यह सुनकर काफी ज्यादा हैरानी हो सकती है कि एक आंकड़े के अनुसार देशी तथा विदेशी शराब की कुल खपत गांवों में 117 प्रतिशत तथा नगरों में 234 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष बढ़ रही है। क्या कभी इस दर से नौकरी या शिक्षा के स्तर को बढ़ते आपने देखा है? इसमें कोई दो राय नहीं है कि शराब का सेवन हमें किस हद तक पीछे धकेलता है और हमारे जीवन में कलह और दुःख लाता है।