“रोशनी फैलाएँ, धुआँ नहीं।” ग्रीन दीपावली

रोशनी फैलाएँ, धुआँ नहीं।” ग्रीन दीपावली

आज दीपावली है, दीपावली सिर्फ़ रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश है। हर वर्ष हम दीप जलाते हैं ताकि घर-आँगन उज्जवल हो जाए, आपने कभी सोचा है कि कि हमारी धरती भी हमारा एक घर ही है । अगर हम उसमें धुआँ, प्लास्टिक और प्रदूषण भर देंगे तो वह कैसे हरी भरी रहेगी।

आज जरूरत है कि हम दीपावली को सिर्फ़ बाहरी सजावट तक सीमित न रखें, बल्कि इसे धरती की रक्षा का अवसर बनाएँ। पटाखों की रौनक के कुछ पल की होती है, पर उसका धुआँ बच्चों की साँसें छीन लेता है। थर्माकोल और प्लास्टिक की सजावट पलभर के लिए ही रंगीन दिखती है, लेकिन सदियों तक हवा में जहर घोल देती है।

ग्रीन दीपावली का मतलब है – परंपरा को निभाते हुए प्रकृति को भी साथ रखना। मिट्टी के दीये, घर की बनी मिठाइयाँ, पौधे गिफ्ट करना, प्राकृतिक रंगोली और सामूहिक उत्सव – यही असली खुशियों का रास्ता है।

जब हर घर का दिया सिर्फ़ आँगन ही नहीं बल्कि धरती को भी रोशन करेगा, तभी दीपावली का संदेश पूरा होगा।
आइए, इस बार प्रण लें – रोशनी फैलाएँ, धुआँ नहीं।”

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